चीन का इतिहास बदल देने वाली तीन बहनें
ज़ी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पांचवें दिन चीन के इतिहास पर एक रोचक सत्र “बिग सिस्टर, लिटिल सिस्टर, रेड सिस्टर: थ्री वीमेन एट द हार्ट ऑफ़ ट्वेंटिएथ-सेंचुरी चाइना” का आयोजन हुआ| सत्र में कामयाब लेखिका युंग चेंग ने इस पर फ्रैंक डीकोटर से संवाद किया| युंग ने इन बहनों के प्यार, युद्ध, बहादुरी और धोखे की कहानी बयां की| युंग ने ये कहानी अपनी मां से सुनी थी| उसके बाद युंग की दिलचस्पी इन बहनों में हो गई थी|
सत्र में चीन की सबसे मशहूर और ताकतवर बहनों की दिलचस्प कहानी बयां की गई| चीन जब सैंकड़ों सालों के युद्ध, क्रांति और बदलाव से गुजर रहा था, तो शंघाई की ये बहनें सत्ता के केंद्र में थीं और इन तीनों ने ही इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ी| इनकी कहानी में जहाँ महिला सशक्तिकरण था, वहीँ उस समय के हालात और राजनीतिक दांव-पेंच भी| ये कहानी किसी राजनैतिक-थ्रिलर की पटकथा जैसी थी| वैसे भी किसी महान व्यक्ति ने कहा था कि कथा और कथेतर में यही फर्क होता है कि कथा की कहानियों को तर्कों के माध्यम से विश्वसनीय बनाया जाता है, जबकि कथेतर में अचंभों और अजूबों की भरमार होती है| जो कोई सोच नहीं सकता, वो वास्तव में घटित हो जाता है|
ये सत्र युंग की किताब “वाइल्ड स्वांस: द थ्री डॉटर ऑफ़ चाइना” पर आधारित था| इन बहनों की कहानी युंग तक उनकी दादी और फिर मां के माध्यम से पहुंची| तीन बहनों की कहानी कहती ये किताब युंग की आत्मकथा बन जाती है|
तीन बहनों में रेड सिस्टर नाम से मशहूर, चिंग-लिंग की शादी ‘फादर ऑफ़ चाइना’, सुन यट-सेन से हुई, और माओ की उपाध्यक्ष बनीं| लिटिल सिस्टर, मे-लींग, मैडम शिआंग काई-शेक बनीं| ये प्री-कम्युनिस्ट नेशनलिस्ट चाइना की फर्स्ट लेडी और राजनीति की प्रमुख हस्ती रहीं| बिग सिस्टर, एई-लींग, शिआंग की अनौपचारिक मुख्य सलाहकार बनीं और खुद को चीन की सबसे रईस महिला बना लिया|
तीनों बहनों ने अपनी ताकत और विशेषाधिकार का भरपूर इस्तेमाल किया और लगातार खुद को खतरे में डाला| राजनैतिक रूप से भिन्न दलों में रहते हुए भी वो भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से जुड़ी रहीं और चिंग-लिंग ने खुद को अपनी दोनों बहनों की दुनिया तबाह करने का जिम्मेदार माना|