30 जनवरी - 03 फरवरी 2025 | होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर
सर्बजोत सिंह बहल एक अकादमिक और वास्तुकार हैं। इन भूमिकाओं के अलावा, वह जातियों, वर्गों, लिंग, धर्मों और राष्ट्रों के बीच संघर्ष के मद्देनजर मानवता के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भावुकता से लिखते हैं। कविता वह माध्यम है जिसके माध्यम से वह अपनी अंतरात्मा को अभिव्यक्त करते हैं| 2020 में किसान विरोध के दौरान, उनकी कई कविताओं और गीतों को जनता के लिए जागृति के आह्वान के रूप में सराहा गया।